Tuesday, November 4, 2008

दरगुज़र है दरगुज़र

ज़ुल्म का उठा है सर

आजिज़ी है बेअसर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

ज़ुल्म है शामो सहर

क्यों हुआ तू बेखबर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

ज़ुल्म की नहीं फिकर

हमको है करना सबर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

सब्र पर बड़ा अजर

नबियों का रहा अमर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

वक्त ने किया सफर

जालिम हुआ है हर बशर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

कुफ्फर ने किया ज़बर

ज़ुल्म का बढ़ा अबर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

भाई मुझे लगे है डर

होगा क्या मेरा हशर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

जन है खुदा के दर

खौफ है पड़े कहर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

जुल्म का तोडूं सर

कुफ्र की खोदूं क़बर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

हरेक की लूँगा ख़बर

रहम का न कर ज़िकर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दीन पर मुझे फखर

निकालनी है सब कसर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

फांसी भी हो अगर

है नहीं उसका भी डर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

हो भले कठिन डगर

सख्त है मेरा जिगर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

फसादी है सब शहर

हरेक नस में है ज़हर

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

दरगुज़र नहीं दरगुज़र

-

आ गया खुदा का घर

अल्लाह को सज्दा कर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

चाहिए न सीमो ज़र

आखिरत की ले फिकर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

ऐ बशर अल्लाह से डर

कि हो भला तेरा हशर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

ली अभी है तौबा कर

जमा रहूँ इस्लाम पर

दरगुज़र हो दरगुज़र

दरगुज़र हो दरगुज़र

भली ज़िन्दगी कर बसर

मौत हो ईमान पर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र
अजीजी है बाअसर

आमाल को देती इतर

दरगुज़र है दरगुज़र

दरगुज़र है दरगुज़र

No comments: